Monday 5 August 2013

आज का कुशवाह युवा परिवर्तन चाहता हे


             युवा साथियों आज हम सभी कुशवाहो ( कुशवाह, मौर्य, सैनी, शाक्य )  के  सामने सामाजिक रूप से बड़ी विकट स्थिति हे, आज का युवा परिवर्तन चाहता हे किसी से पीछे रहना नहीं चाहता हे,  प्रतिस्पर्धा के दौर में हम सभी    आर्थिक और  राजनेतिक रूप से पिछड़ तो नहीं रहे हे,  यह हमारे  लिए विचारनीय हे। आज वो समय आ गया हे जब हमे आपने युवाओ को दुनिया  के हर क्षेत्र  में नेतृत्व के लिए तैयार करना होगा आर्थिक , शेक्षणिक,  सामाजिक और अभी तक छूटे रहे क्षेत्र राजनेतिक पर हमे विशेष जोर देना होगा, कहते हे राजनीती वह कुंजी  हे जिससे हर ताले  को खोला जा सकता हे . आज हमारे समाज में युवाओ का शिक्षा के प्रति पूर्ण समर्पण नहीं हे , लडकिया  तो फिर भी स्नातक हो गयी हे या उससे भी अधिक आगे तक  पढ़ रही हें, युवा साथी कहीं पर पिछड़  रहे हे, हमे शिक्षा का  महत्व समझना होगा  शिक्षा ही सफलता की सीढ़ी  होती हे. हमे नए  तरह के व्यापार  और उद्योग धंधो की और ध्यान देना होगा. हमने नए काम धंधो को नहीं अपनाया यदि अपनाया भी तो हमारे अन्य युवा साथियों को नहीं सिखाया.
                                      हमारा मौलिक कार्य जो खेती कर के अपना जीवन यापन करना था आज उसका स्वरुप  बदलता जा रहा हे। हमारे भाई बंधू अपनी जमीने  बेचने के लिए मजबूर हे। शिक्षा के आभाव के कारण जो हमारे भाई अपनी जमीने बेच देते हे वह कुछ पैसा अपना कर्जा चुकाने में खर्च कर देते हे कुछ अपनी बरसो से दबी इच्छाओ को पूरा करने पर, शेष  बची धनराशी से फिर किसी दूर ग्रामीण भाग पर खेती करने लगते हें , ऐसा  परम्परागत रूप से होता चला आ रहा हे हम बरसो तक मेहनत करके किसी जमीन  को उपजाऊ बनाते हे ग्रामीण से शहरी परिवेश में आने तक उसकी देखभाल करते हे जब उसका लाभ लेने उसकी मदद से अपना जीवन स्तर सुधारने का समय आता हे तो हम उसे बेचकर पुनः आदिकाल की जीवन शेली में लौट जाते हे जो की हमारे समाज को बहुत हानी पहुचता हे,  यदि हम हमारे पूर्वजों  पर नजर डाले तो उन्होंने भी यही कार्य  किया हर बार जमीन  बेचकर दूर किसी जंगली इलाके में जाकर खेती करने लगे 20-25 वर्ष  बाद  फिर जमीन  बेचकर दूर किसी जंगली इलाके में जाकर खेती करने लगे,  हम किसी कार्य को 0 से शुरू करते हे और 99 पर पहुच कर वहां से गिर जाते हे फिर जीरो से शुरू  करते हें,  इस 0  और 99 के फेर में कई  पीढियाँ नष्ट हो गयी। इससे जो हमारे समाज का विकाश होना था वह पूर्णता को प्राप्त नहीं कर पाया।

मेरा युवा साथियों से आह्वान हे की जो युवा साथी समाज को ऐसे  कुचक्र से निकालना  चाहते हे वह संगठित हो और जिस युवा का जिस क्षेत्र में रुझान हे उसे उस क्षेत्र में काम करना चाहिए, जिससे उनका विकाश तो होगा हि  समाज  का भी विकाश होगा

हमारे सामने समाज का वृहद संगठन हे जो की समाज  हित के कार्यो को पिछले 100 वर्षो से कर रहा हे,  अखिल भारतीय कुशवाह महासभा,  आइये हम सभी संगठन से जुड़कर समाज के कार्यो को करे .  क्योंकि संगठन में शक्ति हे .






मनोज कुमार कुशवाह 
09302510720, 09753888606
इंदौर, म. प्र . 

1 comment:

  1. can we make a single title for or cast and follower of only one ideology it may be either Baudh or lav & kush to give ourselves a national identity....

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